नई दिल्ली। झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। सत्ताधारी महागठबंधन की एक सीट पर जीत तय है, तो दूसरी सीट पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद है। महागबंधन ने पहली सीट के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष शिबू सोरेन को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं, महागठबंधन ने दूसरी सीट के लिए अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
कांग्रेस दूसरी सीट पर सहयोगी दलों के सहारे किसी प्रत्याशी को उतारने की तैयारी में है। भाजपा ने भी इस दूसरी सीट के लिए अपने उम्मीदवार का नाम अभी घोषित नहीं किया है। संख्या बल को देखें तो सत्ता पक्ष के उम्मीदवार शिबू सोरेन का पहली सीट पर जीतना तो तय है, मगर दूसरी सीट पर कांटे की टक्कर होने के संकेत हैं।
वजह यह है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के पास दूसरी सीट के लिए जरूरी विधायकों की संख्या नहीं है। इसके लिए दोनों पक्षों से जोड़-तोड़ की कोशिशें जारी हैं। झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में इस वक्त कुल 80 विधायक हैं। ऐसे में एक सीट जीतने के लिए कम से कम 27 विधायकों का समर्थन चाहिए।
झामुमो, कांग्रेस और राजद को मिलाकर बने महागठबंधन के पास 48 विधायक हैं। वहीं भाजपा के पास बाबूलाल मरांडी सहित कुल 26 विधायक हैं। जबकि भाजपा के पूर्व सहयोगी आजसू के पास दो, एनसीपी के पास एक, निर्दलीय दो और भाकपा माले के पास एक विधायक है।